पिछले लगभग एक से डेढ़ सौ वर्षों में, आज़ादी से पहले कई जरूरी कानून बनाए गए थे, जिन्हें उस समय की ब्रिटिश सरकार ने अधिनियमों के रूप में जारी किया। ये कानून पूरे देश के लिए और क्षेत्रीय स्तर पर भी लागू थे। पिछले वर्षों में, दंड संहिताओं का भी पर्यावरण के क्षेत्र में काफी उपयोग किया गया, जो संभवतः इंग्लैंड की कार्यप्रणाली पर आधारित थीं। इस सबका एक संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है:
सामान्य कानून के अंतर्गत, भारतीय दंड संहिता, 1860 (Indian Penal Code, 1860) की धारा 268, 290, 291, 426, 430, 431, और 432 के तहत विभिन्न सामान्य पर्यावरण समस्याओं का समाधान किया गया है। जल प्रदूषण से संबंधित मामले धारा 277 के तहत और वायु प्रदूषण से संबंधित मामले धारा 278 के तहत निपटाए गए हैं। इसके अलावा, दंडविधि संहिता, 1898 (Criminal Procedure Code, 1898), जिसे 1973 में फिर से अपडेट किया गया है, के ‘उपद्रव के अध्याय’ (Chapter on Nuisance) में ध्वनि प्रदूषण पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इसके अतिरिक्त-
(अ) जल प्रदूषण के लिए,
(1) दी नार्थ केनाल एण्ड ड्रेनेज एक्ट,
1873 [The North Canal & Drainage Act, 1873],
(2) दी ऑब्स्ट्रक्शन ऑफ फेअरवेज एक्ट, 1881 (The Obstruction of Fairways Act, 1881) और
(3) इण्डियन फिशरीज एक्ट, 1897 (Indian Fisheries Act, 1897);
(ब) वायु प्रदूषण के लिए,
- दी ओरियन्टल गैस कम्पनी एक्ट, 1857 (The Oriental Gas Company Act, 1857),
- दी एक्सप्लोसिव एक्ट, 1908 (The Explosive Act, 1908), (3) दी इंडियन बॉयलर्स
एक्ट, 1923 (The Indian Boilers Act, 1923) और (4) दी मोटर व्हीकिल एक्ट, 1938
(1) मोटर वाहन अधिनियम, 1938 (The Motor Vehicle Act, 1938);
(2) कीटाणुनाशक के लिए:
- जहरीला पदार्थ अधिनियम, 1919 (The Poison Act, 1919);
(3) वन्य जीव संरक्षण हेतु: - भारतीय वन अधिनियम, 1927 (The Indian Forest Act, 1927);
- आंध्र प्रदेश कृषि कीट एवं रोग अधिनियम, 1919 (The A.P. Agriculture Pest and Disease Act, 1919);
- मैसूर विध्वंसक कीट एवं कीट अधिनियम, 1917 (The Mysore Destructive Insects and Pests Act, 1917);
- केरल कृषि कीट एवं रोग अधिनियम, 1917 (The Kerala Agriculture Pest and Disease Act, 1917)।
इन अधिनियमों का मुख्य रूप से पर्यावरण और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए उपयोग किया गया है।
आजादी (1947) के बाद, देश में पर्यावरण के क्षेत्र में कई नए कानून बनाए गए। इनमें से कुछ कानून एक-दूसरे के पूरक थे, जबकि कुछ अन्य कानून संपूर्णता के लिए बनाए गए। राष्ट्र संघ द्वारा जून 1972 में स्टॉकहोम (स्वीडन) में आयोजित मानव पर्यावरण अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों के आधार पर भी कई अधिनियम बनाए गए, जो मुख्य रूप से पर्यावरण प्रदूषण को रोकने से संबंधित थे। उनकी एक सूची यहाँ दी गई है:
- जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974
- वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981
- पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986
- वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972
- भारतीय वन अधिनियम, 1927 (संशोधित)
- हवा और जल गुणवत्ता मानक अधिनियम, 2000
इन अधिनियमों का उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना और प्रदूषण को नियंत्रित करना है।
(अ) वायु प्रदूषण के क्षेत्र में-
- दी फैक्ट्रीज एक्ट, 1948 (The Factories Act, 1948)
- दी इण्डस्ट्रीज (डवलपमेण्ट एण्ड रेगूलेशन) एक्ट, 1951 [The Industries
(Development and Regulation) Act, 1951]
- दी माइन्स एण्ड मिनरल्स (रेगूलेशन एण्ड डवलपमेण्ट) एक्ट, 1947 [The Mines and Minerals (Regulation and Development) Act, 1947
- दी गुजरात स्मोक न्यूसेन्स एक्ट, 1963 (The Gujarat Smoke Nuisance Act, 1963)
- वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियन्त्रण) अधिनियम, 1981 [The Air (Prevention and Control of Pollution) Act, 1981]
ब) जल प्रदूषण के क्षेत्र में
- उड़ीसा रिवर पोल्यूशन प्रीवेन्शन एक्ट, 1953 (The Orissa River Pollution Prevention Act, 1953)
- दी रिवर बोर्ड एक्ट, 1956 (The River Board Act, 1956)
- महाराष्ट्र प्रीवेन्शन ऑफ वाटर पोल्यूशन एक्ट, 1969 (The Maharashtra Prevention of Water Pollution Act, 1969)
- दी मर्चेन्ट शिपिंग एमेन्डमेन्ट एक्ट, 1970 (The Merchant Shipping Amendment Act, 1970)
- जल (प्रदूषण निवारण एवं नियन्त्रण) अधिनियम, 1974 तथा उसका संशोधित अधिनियम, 1978 [The Water (Prevention and Control of Pollution) Act, 1974; and its Amendment Act, 1978]
- जल (प्रदूषण निवारण एवं नियन्त्रण) उपकर अधिनियम, 1978 [The Water (Prevention and Control of Pollution) Cess Act, 1978]
4) ध्वनि प्रदूषण के क्षेत्र में-
- दी बिहार कण्ट्रोल ऑफ दी यूज एण्ड प्ले ऑफ लाउडस्पीकर्स एक्ट, 1955 (The Bihar Control of the Use and Play of Loud Speakers Act, 1955)
- ग्राण्ट ऑफ परमीशन अण्डर दी हिमाचल प्रदेश इन्स्ट्रमेण्ट्स (कण्ट्रोल ऑफ नॉयज) एक्ट, 1969 [Grant of Permission Under the Himachal Pradesh Instruments (Control of Noise) Act, 1969]
द) अन्य विविध क्षेत्रों में
- दी प्रीवेन्शन ऑफ फूड एडल्टरेशन एक्ट, 1754 (The Prevention of Food Adulteration Act, 1954)
- दी एनशियेन्ट मोनूमेन्ट्स एण्ड आर्केलोजीकिल साइट्स एण्ड रिमेन्स एक्ट, 1958 (The Ancient Monuments and Archaeological Sites and Remains Act, 1958)
- अणुशक्ति अधिनियम, 1962 (The Atomic Energy Act, 1962)
- वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 [The Wildlife (Protection) Act, 1972]
- वन्य (संरक्षण) अधिनियम, 1980 [The Forest (Conservation) Act, 1980]
- दी इंडियन फिशरीज एक्ट, 1987 (The Indian Fisheries Act, 1987)
FAQ
Q. कानून क्या है, कितने प्रकार के होते हैं?
A. संवैधानिक कानून, प्रशासनिक कानून, आपराधिक कानून, नागरिक कानून और अंतर्राष्ट्रीय कानून।
Q. कानून से आप क्या समझते हैं?
A. कानून की परिभाषा एक निश्चित क्षेत्र में सरकार या समाज द्वारा विकसित आचरण का नियम है।
निष्कर्ष
सामान्य कानून में भारतीय दण्ड संहिता, 1860 (Indian Penal Code, 1860) की धारा 268, 290, 291, 426, 430, 431, 432 के तहत सामान्य पर्यावरण समस्याएँ धारा 277 से जल प्रदूषण तथा धारा 278 से वायु प्रदूषण के प्रकरण निपटाये गये।